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World Radio Day 2024: कभी हर घर की शान थी इसकी आवाज, विश्व रेडियो दिवस पर जानें क्या है इसका सदीयों पुराना इतिहास

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। आज 13 फरवरी को देश भर में 'विश्व रेडियो दिवस' मनाया जाता है। हर साल रेडियो डे पर एक खास थीम तैयार की जाती है। इस वर्ष 2023 की थीम विकास है। एक समय था जब देश में टेलीविजन नहीं था। उस समय रेडियो सुनना सभी को पसंद था।

धीरे-धीरे सभी के घरों में टीवी आ गया और आज वह समय है जब सबके पास स्मार्ट फोन है। रेडियो का महत्व आज भी समाप्त नहीं हुआ है। हालांकि रेडियो पहले की तुलना में कम सुना जाता है, लेकिन रेडियो अपनी भूमिका निभाता रहता है। आज रेडियो दिवस पर हम आपको बताएंगे कि रेडियो की शुरुआत कहां से हुई और हमारे जीवन में इसकी क्या भूमिका है?

World Radio Day 2023: कभी हर घर की शान थी इसकी आवाज, विश्व रेडियो दिवस पर जानें क्या है इसका सदीयों पुराना इतिहास

एक अच्छा सस्ता रेडियो

विश्व रेडियो दिवस की शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी। गौरतलब है कि रेडियो जनसंचार का एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए न केवल शहरों बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी संदेश आसानी से और व्यापक रूप से पहुंचाए जा सकते हैं। सभी जानते हैं कि रेडियो सुनने के लिए पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं है। इसे गांव में रहने वाला कोई भी किसान या मजदूर वर्ग का व्यक्ति सुन सकता है। इतना ही नहीं, यह एक बहुत अच्छा और सस्ता साधन है।

कोरोना में अहम भूमिका निभाई

कोरोना महामारी में लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में जब सब कुछ बंद हो गया तो रेडियो ने लोगों को जगाने की कोशिश की. महामारी के बीच रेडियो ने जनता को आवश्यक जानकारी प्रदान की। इतना ही नहीं, इस समय जब ज्यादातर लोग घर में रहकर वायरस के डर से मायूस थे। फिर रेडियो ने लोगों में सकारात्मकता फैलाई। रेडियो ने लोगों को घर में रहकर खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के तरीके बताए। साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रेडियो को लोगों से बात करने का उपयुक्त और अच्छा माध्यम मानते हैं।

World Radio Day 2023: कभी हर घर की शान थी इसकी आवाज, विश्व रेडियो दिवस पर जानें क्या है इसका सदीयों पुराना इतिहास

ऐसे हुई रेडियो की शुरुआत

कनाडा के वैज्ञानिक रेजिनाल्ड फेंसडेन ने 24 दिसंबर, 1906 को रेडियो प्रसारण शुरू किया। इसके बाद साल 1918 में ली द फॉरेस्ट ने न्यूयॉर्क के हाईब्रिज में दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन शुरू किया। बताया जाता है कि उस समय पुलिस ने उसे अवैध बताकर रोक लिया था।

वहीं अगर भारत की बात करें तो यहां साल 1936 में पहला सरकारी रेडियो 'इंपीरियल रेडियो ऑफ इंडिया' शुरू किया गया था। देश की आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ऑल इंडिया रेडियो या ऑल इंडिया रेडियो कर दिया गया। इसके बाद आज भारत में कुल 214 सामुदायिक रेडियो प्रसारण केंद्र (सामुदायिक रेडियो) हैं।

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