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'आपराधिक तत्वों से सख्त कानूनों के जरिए भी निपटा जा सकता है', बुलडोजर एक्शन पर मायावती

 
'आपराधिक तत्वों से सख्त कानूनों के जरिए भी निपटा जा सकता है', बुलडोजर एक्शन पर मायावती

3 सितंबर, नई दिल्ली(आईएएनएस)। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर यूपी सरकार पर कई सवाल उठाए। अपना दौर याद किया और कानून सम्मत कार्रवाई की वकालत की।

बसपा सुप्रीमो ने लिखा, "देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ’कानून द्वारा कानून का राज’ (रूल ऑफ लॉ बाय लॉ) स्थापित करके भी दिखाया है।"

उन्होंने आगे लिखा, "बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही न पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है।"

अगले पोस्ट में फिर बुलडोजर का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी। कहा, "जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।"

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के मामले पर सख्त टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि आपराधिक कानून में आरोपी के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई दोषी भी है तो उसके खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई नहीं की जा सकती, यह कानून के खिलाफ है।

दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में जमीयत ने अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है। याचिका में सरकार को आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने से रोकने की मांग की गई है।

--आईएएनएस

आरके/केआर

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