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पंडित दीन दयाल उपाध्याय जयंती : पंडित जी के व‍िचारों का क‍िया जाना चाह‍िए व्‍यापक प्रचार : ए.के. शर्मा

 
पंडित दीन दयाल उपाध्याय जयंती : पंडित जी के व‍िचारों का क‍िया जाना चाह‍िए व्‍यापक प्रचार : ए.के. शर्मा

अलीगढ़, 25 सितंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बुधवार को समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए समर्पित रहने वाले अंत्‍योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 108 वीं जयंती श्रीराम बैंक्वेट हॉल में हर्षोंल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में शाम‍िल प्रदेश के कैब‍िनेट मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा, “इतने बड़े कार्यक्रम की कल्पना नहीं की गई थी। 13 वर्ष से पंडित जी की जयंती मनाया जाना हर्ष की बात है। उनके विचार को व्यापक रूप से समाज में प्रचारित किया जाना चाहिए।”

ए.के शर्मा ने भव्य आयोजन को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के व्यक्तित्व और कृतित्व का कमाल बताया। उन्होंने पंडित जी के राजनीतिक जीवन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पंडित जी का कहना था कि सामाजिक प्रतिष्ठा और आर्थिक मजबूती एक साथ नहीं रह सकती। उन्होंने देश को संघर्ष का रास्ता दिखाते हुए चिंतन भी दिया। आज उनके सिद्धांत पर चलने वाले लोगों का परचम समूचे विश्व में लहरा रहा है।

उन्होंने कहा, “पंडित जी का मानना था कि राजनीति राष्ट्र के लिए है, व्यक्ति के लिए नहीं। पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जो सपना देखा था, वह पूरा होता दिख रहा है।”

ए.के शर्मा ने अनुच्छेद 370 व राम मंदिर निर्माण के बारे में विचार प्रकट करते हुए कहा कि आज हम सभी को रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। आज कश्मीर भारत देश का अभिन्न हिस्सा है।

उन्होंने पंडित जी को व्यक्ति नहीं विचार की संज्ञा देते हुए कहा कि वह अपने राजनीतिक एवं सामाजिक जीवन में किसी भी जातीय सम्मेलन में नहीं गए। पंडित जी ने बिना किसी जातीय भेदभाव के एकात्म मानववाद का मंत्र दिया। वह कहते थे कि हर खेत को पानी और हर हाथ को काम मिले। आज उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनकल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर रहे हैं।”

--आईएएनएस

एसएचके/सीबीटी

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