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बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, मंत्री बोले - 1967 के बाद पहली बार कोसी में आया इतना पानी

 
बिहार में बाढ़ से बिगड़े हालात, मंत्री बोले - 1967 के बाद पहली बार कोसी में आया इतना पानी

पटना, 30 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के जल संसाधन विभाग ने सोमवार को कोसी बैराज और गंडक बैराज में किसी प्रकार के नुकसान की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि वीरपुर कोसी बैराज और वाल्मीकिनगर गंडक बैराज पूरी तरह सुरक्षित हैं।

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पिछले तीन दिन से नेपाल क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद कोसी, गंडक, बागमती और महानंदा सहित अन्य नदियों में अत्यधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया है।

उन्होंने कहा, "28 सितंबर को लगभग 10 बजे गंडक बैराज, वाल्मीकिनगर से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो इस साल सात जुलाई को छोड़े गए 4.40 लाख क्यूसेक से 1.22 लाख क्यूसेक अधिक है। गंडक बैराज, वाल्मीकिनगर से विगत 21 साल में छोड़ा गया यह अधिकतम पानी है।"

उन्होंने बाढ़ की स्थिति के बारे में बताया, "साल 1967 के बाद सबसे अधिक मात्रा में कोसी नदी में पानी छोड़ा गया है। हालांकि, पिछले चार दिन में बाढ़ के पानी में कमी भी दर्ज की गई है। लेकिन, नेपाल में भारी बारिश के कारण कोसी नदी में छोड़े गए पानी की वजह से बिहार के कई जिलों में हालात अब भी खराब बने हुए हैं। नेपाल में भारी बारिश के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया गया है।"

उन्होंने बताया कि नेपाल में बारिश को लेकर जितनी भविष्यवाणी की गई थी, इस बार उससे भी अधिक बारिश वहां हुई है, जिसके कारण बिहार में हालात बिगड़ गए हैं। पिछले 50 घंटे जल संसाधन विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण थे। सरकार ने बाढ़ की समस्या को लेकर कई बार कदम भी उठाए हैं, लेकिन इस बार बाढ़ ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बढ़ते जलस्तर के कारण तटबंध टूट सकते हैं। इस संबंध में भी अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किया गया है।

इस बीच, छतौनी घाट एवं बगहा गेज स्टेशनों पर क्रमशः 94 मीटर और 90.90 मीटर का उच्चतम जलस्तर दर्ज किया गया है, जो पूर्व के उच्चतम जलस्तर से क्रमशः 0.80 मीटर एवं 0.42 मीटर अधिक है। गंडक नदी के अत्यधिक दबाव के कारण पश्चिम चंपारण के बगहा-1 प्रखंड में चंपारण तटबंध खैरटवा गांव के समीप क्षतिग्रस्त हुआ है।

वीरपुर से रविवार को 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो इस साल सात जुलाई को छोड़े गए 3.93 लाख क्यूसेक से 2.68 लाख क्यूसेक अधिक है। यह कोसी बैराज, वीरपुर से 56 साल के दौरान प्रवाहित अधिकतम पानी है। इसके चलते कोसी बैराज पर एहतियातन आवागमन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।

कोसी नदी में अत्यधिक जल प्रवाह के कारण 30 सितंबर को दरभंगा जिले में पड़ने वाले कीरथपुर प्रखंड में पश्चिमी कोसी तटबंध भी क्षतिग्रस्त हुआ है।

जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि कोसी बैराज, वीरपुर एवं गंडक बैराज, वाल्मीकिनगर पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा, "नेपाल प्रभाग में बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अत्यधिक बारिश के कारण बागमती नदी पर तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके अलावा 29 सितंबर को सीतामढ़ी जिला के सुप्पी प्रखंड में बागमती नदी में उच्चतम जलस्तर 73.47 मीटर दर्ज किया गया है। बागमती नदी के अत्यधिक दबाव के कारण 29 सितंबर को तटबंध कुल पांच स्थलों पर क्षतिग्रस्त हुआ है।"

उन्होंने कहा, "जल संसाधन विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित जिलों में चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। अब भी हालात सामान नहीं हुए हैं और अधिकारी ताजा स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। साथ ही सरकार की तरफ से पूरी तैयारी की गई है, ताकि कई जगह टूटे तटबंध को पानी कम होने पर फिर से ठीक करने का काम किया जा सके।"

उन्होंने आगे कहा कि बिहार के सारे तटबंध को और मजबूत करना होगा। हमें आने वाले दिनों में और भी तैयारी करनी होगी। अब तक सात तटबंध टूटे हैं। इसके अलावा कोसी में पांच, बागमती और गंडक में एक-एक तटबंध टूटा है।

विजय चौधरी ने कहा कि बिहार सरकार ने भारत सरकार से मांग की है कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक नीति बनानी चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में नजर बनाए हुए हैं और उनकी संवेदनशीलता से पूरा देश वाकिफ है। हमें उम्मीद है कि केंद्र सरकार से पूरी मदद मिलेगी।

--आईएएनएस

एफएम/एकेजे

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