भारतीय कवि गौतम वेगड़ा ने चीन के हाई-स्पीड रेल विकास को सराहा
बीजिंग, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीन मंगलवार को नए चीन की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, इसलिए देश अपने सप्ताह भर चलने वाले 'राष्ट्रीय दिवस स्वर्णिम सप्ताह' की भी शुरुआत कर रहा है, जो एक छुट्टी यात्रा अवधि है, जिसमें लाखों नागरिक यात्रा करते हैं।
इस वर्ष चीन रेलवे ने 29 सितंबर को अपने राष्ट्रीय दिवस अवकाश परिवहन की शुरुआत की और 8 अक्टूबर को समाप्त होने तक इसके 17.50 करोड़ यात्रियों को यात्रा सेवा देने की उम्मीद है।
हाल के वर्षों में चीन का रेलवे नेटवर्क काफी बढ़ा है। 14 सितंबर तक इसकी कुल लंबाई 1 लाख 60 हजार किलोमीटर से ज्यादा हो गई थी, जिसमें 46 हजार किलोमीटर हाई-स्पीड रेल नेटवर्क शामिल है। यह वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा हाई-स्पीड रेल नेटवर्क है, जो अन्य देशों के समान नेटवर्क की संयुक्त लंबाई से भी ज्यादा है।
जुलाई में हांगचो और पेइचिंग में आयोजित 'प्रथम अंतर्राष्ट्रीय युवा कविता सम्मेलन - ब्रिक्स विशेष सत्र' के दौरान, भारतीय कवि गौतम वेगड़ा को चीन की हाई-स्पीड ट्रेनों का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर मिला। हांगचो से पेइचिंग तक की यात्रा करते हुए 350 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से 1,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए वेगड़ा इस प्रणाली की दक्षता और गति से प्रभावित हुए।
उन्होंने यह यात्रा मात्र 4 घंटे में पूरी की। 'चीन की हाई-स्पीड रेल गर्मियों में भी स्वच्छ, आरामदायक और ठंडी है। यह मुझे भविष्य की यात्रा के लिए उत्सुक बनाती है', गौतम वेगड़ा ने प्रौद्योगिकी की प्रशंसा करते हुए टिप्पणी की।
उन्होंने यह भी कहा कि हाई-स्पीड रेल में चीन की तीव्र प्रगति भारत के लिए एक मूल्यवान उदाहरण के रूप में काम कर सकती है, जो अभी भी अपनी हाई-स्पीड रेल प्रणाली विकसित करने के शुरुआती चरणों में है।
वेगड़ा ने चीन और भारत के बीच अधिक सहयोग की संभावना पर जोर दिया। चीन का हाई-स्पीड रेल नेटवर्क 75 वर्षों के भीतर शून्य से दुनिया में सबसे बड़ा हो गया है, जो देश के आधुनिकीकरण का प्रतीक है।
साल 1949 में देश के पास केवल 21 हजार किलोमीटर पारंपरिक रेलवे था। आज, इसका विस्तारित हाई-स्पीड रेल नेटवर्क लाखों लोगों को तेज, अधिक सुविधाजनक यात्रा का लाभ उठाने की अनुमति देता है।
इस प्रणाली ने दैनिक जीवन को भी बदल दिया है, जिससे देश के किसी भी कोने में केवल आधे घंटे या कुछ घंटों में यात्रा करना संभव हो गया है, जो चीन की प्रगति का प्रतीक है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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