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योगी सरकार ने 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' को दी मंजूरी

 
योगी सरकार ने 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' को दी मंजूरी

लखनऊ, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान' को लागू करने का फैसला किया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

यह योजना प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है। इस योजना से प्रदेश के एक लाख शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि, इस योजना के तहत, 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इससे प्रदेश के एक लाख शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को हर साल वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना है और प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के अभियान से जोड़ना है।

उन्होंने कहा कि, इस योजना के अंतर्गत आवेदक की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ पास होनी चाहिए, हालांकि इंटरमीडिएट पास आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा आवेदक को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत प्रशिक्षित होना अनिवार्य होगा। जिसमें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति प्रशिक्षण योजनाएं और उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन कार्यक्रम शामिल है।

इसके साथ ही योगी सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने और युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 'उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति, 2024' को लागू किया है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि यह नीति प्रदेश में बढ़ती उच्च शिक्षा की मांग को पूरा करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इसके माध्यम से छात्रों को राज्य में ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

इस नीति के अंतर्गत, प्रायोजक निकायों को स्टाम्प शुल्क में छूट, कैपिटल सब्सिडी, और विशेष लाभ प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 50 में स्थान प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों को भी अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे।

कैबिनेट बैठक में मथुरा और मेरठ में दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। मथुरा में केडी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 'राजीव मेमोरियल एकेडमिक वेलफेयर सोसाइटी' को आशय-पत्र जारी किया गया है। इसी प्रकार, मेरठ में विद्या विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 'विद्या बाल मण्डली' द्वारा 42.755 एकड़ भूमि पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

--आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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