2013 झीरम घाटी नरसंहार मामला : सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राजनीतिक साजिश की छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच पर सवाल उठाने वाली एनआईए की याचिका खारिज की

नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 2013 की झीरम घाटी घटना में बड़ी राजनीतिक साजिश की छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच पर सवाल उठाया गया था।
सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ और न्यायमूर्ति जे.बी. पादरीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने कहा कि राज्य पुलिस 2013 के भीषण माओवादी हमले में राजनीतिक साजिश के पहलू की जांच जारी रख सकती है - जिसके परिणामस्वरूप कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोगों की मौत हो गई थी।
सितंबर 2022 में शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एनआईए द्वारा एक विशेष अनुमति याचिका दायर करने के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा जांच पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्रीय आतंकवाद विरोधी एजेंसी को संबंधित एफआईआर को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था।
ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने एनआईए की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया कि बस्तर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 का उल्लंघन है।
मई 2020 में मृत राजनीतिक नेता के बेटे जितेंद्र उदय मुदलियार की शिकायत पर राज्य पुलिस ने इस आरोप में एक प्राथमिकी दर्ज की थी कि यह घटना वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की हत्या की एक बड़ी साजिश का नतीजा थी, जिसकी जांच करने में एनआईए विफल रहा था।
राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया कि "2016 में पिछली राज्य सरकार ने भी केंद्र सरकार को सीबीआई जांच शुरू करने के लिए पत्र लिखा था, क्योंकि एनआईए ने अपना काम नहीं किया था।"
एनआईए की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश हुए, जबकि वरिष्ठ वकील आत्माराम एन.एस. नाडकर्णी ने अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी की मदद से छत्तीसगढ़ सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
--आईएएनएस
एसजीके