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छत्तीसगढ़ में सियासी दलों को चुनाव में उतारे गए दल-बदलुओं से भी आस

 
छत्तीसगढ़ में सियासी दलों को चुनाव में उतारे गए दल-बदलुओं से भी आस

रायपुर, 19 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने दल-बदलुओं पर भी दांव लगाया है। मतदान के बाद सभी दलों को उम्मीद है कि दल-बदलु जीतकर उनकी ताकत को बढ़ाने का काम करेंगे।

राज्य की 90 सीटों पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, यहां कई स्थानों पर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया है। दोनों प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने कई सीटों पर दल-बदलुओं को मैदान में उतारा। यह स्थानीय समीकरण और उम्मीदवार के जन समर्थन को देखते किया गया।

छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर हुए चुनाव पर अगर गौर किया जाए तो एक बात साफ तौर पर नजर आती है कि दोनों ही दलों ने गिनती के दलबदलुओं को उम्मीदवार बनाने का काम किया है।

कांग्रेस ने जांजगीर चांपा से व्यास कश्यप को कैंडिडेट बनाया, जिन्होंने 2018 में बीएसपी से चुनाव लड़ा था और इससे पहले वह भाजपा के सक्रिय कार्य करता थे। इसी तरह कांग्रेस से नाता रखने वाले बालक दास के पुत्र खुशवंत सिंह को आरंग से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है, जिनका मुकाबला मंत्री शिव डेहरिया से है।

राज्य के एक पुराने कांग्रेसी नेता हैं धमरजीत सिंह, जो कांग्रेस के विधायक रहे और वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के लोरमी से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और पार्टी ने उन्हें तखतपुर से उम्मीदवार बनाया है। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की बागी चांदनी भारद्वाज को छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में जिन नेताओं और विधायकों ने दल-बदल किया, उनकी राजनीतिक पारी बहुत ज्यादा लंबी नहीं रही है, अगर दूसरे राजनीतिक दल ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है तो जीत भी हासिल करने में सफल हुए और अगर वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े तो उनका राजनीतिक भविष्य भी संकट में पड़ गया, क्योंकि राज्य की जनता दल-बदलु नेताओं पर बहुत ज्यादा भरोसा नहीं करती है, फिर भी इस बार के चुनाव में सभी दलों ने दल-बदलुओं को उम्मीदवार बनाया है।

जनता का फैसला तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।

--आईएएनएस

एसएनपी/एबीएम

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