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दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएबी आदेश को कथित रूप से गढ़ने के लिए वकील के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया

 
दिल्ली हाईकोर्ट ने आईपीएबी आदेश को कथित रूप से गढ़ने के लिए वकील के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया

नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। 2016 में बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड (आईपीएबी) द्वारा कथित तौर पर पारित आदेश का दोषी पाए जाने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली (बीसीडी) को वकील संजय अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने वकील की सेवा लेने वाले मुवक्किलों को बरी कर दिया, बशर्ते कि उन्होंने भविष्य में न्यायिक कार्यवाही में दस्तावेज दाखिल करते समय सावधानी बरतने का वचन देते हुए हुई किसी भी असुविधा के लिए बिना शर्त माफी मांगी हो।

स्वत: संज्ञान आपराधिक अवमानना याचिका तब उठी जब ट्रेडमार्क उल्लंघन के मुकदमे से निपटने वाले एकल न्यायाधीश के समक्ष कार्यवाही के दौरान आईपीएबी आदेश की प्रामाणिकता पर संदेह जताया गया।

अदालत ने जांच का निर्देश दिया, और 2016 के आदेश के अस्तित्व का समर्थन करने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं मिलने पर मामले में उत्तरदाताओं के खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई के लिए मामले को एक खंडपीठ को भेज दिया।

जवाब में अवमाननाकर्ता द्वारा आईपीएबी के समक्ष नियुक्त वकील से आदेश की प्रति प्राप्त करने की परिस्थितियों को रेखांकित करते हुए एक बिना शर्त माफी का हलफनामा प्रस्तुत किया गया था।

हलफनामे में स्पष्ट किया गया कि वकील ने आईपीएबी आदेश की प्रति दी, जिसके फर्जी निकलने पर अवमाननाकर्ता ने वकील के खिलाफ बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में शिकायत दर्ज की।

पीठ ने माफी और भविष्य में सावधानी बरतने के वचन को ध्यान में रखते हुए मुवक्किलों को बरी कर दिया, लेकिन बार काउंसिल को आईपीएबी आदेश के निर्माण में दोषी पाए जाने पर वकील के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

--आईएएनएस

एमकेएस/एबीएम

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