'महिला लाभार्थियों को दंडित किया गया, तमिलनाडु सरकार को इसे बैंकों के साथ उठाना चाहिए'
चेन्नई, 19 सितंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के कलैगनार मगलिर उरीमाई थित्तम (कलैगनार महिला पात्रता योजना) के तहत लाभार्थियों को न्यूनतम शेष राशि बनाए नहीं रखने पर बैंकों द्वारा दंडित किया जा रहा है और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि तमिलनाडु बैंक कर्मचारी महासंघ (टीएनबीईएफ) को यह मुद्दा बैंकों के सामने उठाना चाहिए।
तमिलनाडु सरकार योजना के तहत लाभार्थियों के बचत बैंक खातों में प्रति माह 1,000 रुपये जमा करती है।
स्टालिन को लिखे एक पत्र में टीएनबीईएफ के अध्यक्ष सी.एच.वेंकटाचलम ने दो प्रकार के बचत बैंक खातों की ओर इशारा किया - शून्य शेष या बिना तामझाम वाला खाता और सामान्य खाता जहां न्यूनतम शेष राशि बनाए रखनी होती है।
उन्होंने कहा, चूंकि कई लाभार्थियों ने अपने बैंक खाते का विवरण दिया है जो नियमित बैंक खाते का है, इसलिए उनसे न्यूनतम शेष राशि की कमी के लिए शुल्क लिया जा रहा है।
नियमों के अनुसार, जीरो बैलेंस/नो फ्रिल्स खाते को सामान्य बचत बैंक खाते में बदला जा सकता है और इसके विपरीत की अनुमति नहीं है।
वेंकटाचलम ने कहा, "इसलिए, सरकार को बैंकों को सलाह देनी चाहिए कि वे या तो इन सभी जुर्माना शुल्कों को माफ कर दें या नियमित बचत खातों को शून्य बैलेंस/नो फ्रिल बैंक खाते में परिवर्तित करने की अनुमति दें, ताकि लाभार्थियों को सरकारी योजना के तहत राशि प्राप्त करते समय कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।“
--आईएएनएस
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