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दुल्हन से विदाई के वक्त किस वजह से फिकवाए जाते हैं पीछे चावल? जाने क्या है इसके मायने

 
दुल्हन से विदाई के वक्त किस वजह से फिकवाए जाते हैं पीछे चावल? जाने क्या है इसके मायने

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। हिंदू धर्म में विवाह को सोलह संस्कारों में से एक माना जाता है। इस शादी के दौरान हम कई रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। इनमें से कुछ रस्में शादी से पहले और कुछ शादी के बाद की जाती हैं। शादी के बाद की रस्मों में चावल फेंकने की रस्म भी होती है। जब दुल्हन अपने ससुराल से घर जाती है, तो वह अपने माता-पिता के बैग में चावल रखती है। यह एक बहुत पुरानी और लोकप्रिय परंपरा है। यह हर हिंदू विवाह में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि विदाई के वक्त बेटियां चावल फेंककर घर से क्यों निकल जाती हैं? आज हम इसी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे।

दुल्हन विदाई में चावल क्यों फेंकती है?

1. बिदाई के समय दुल्हन को चावल फेंकना हिंदू धर्म में शुभ माना जाता है। हमारे धर्म में बेटियों को घर की लक्ष्मी कहा जाता है। जब घर में कन्या का जन्म होता है तो कहते हैं कि लक्ष्मी का आगमन हुआ है। फिर शादी के बाद यह लक्ष्मी अपने ससुराल जाने लगती है। उनके जाने से घर की संपत्ति और समृद्धि नष्ट नहीं होती है इसलिए वह अपने प्रस्थान पर चावल फेंकते हैं।

2. इस चावल को फेंकने से दुल्हन की इच्छा होती है कि मां के घर जाने के बाद भी सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे. इसके अलावा हिंदू धर्म में भी चावल को बहुत शुभ माना जाता है। इसका उपयोग लगभग हर धार्मिक और शुभ कार्य में किया जाता है। इस चावल को फेंकने से दुल्हन अपने माता-पिता के अच्छे भाग्य की भी प्रार्थना करती है।

3. दुल्हन द्वारा चावल फेंकने का एक और महत्व है। कहा जाता है कि इससे वर-वधू के लिए सुख-समृद्धि आती है। दोनों का वैवाहिक जीवन सुखी है। इससे सास-ससुर दोनों का स्थान अन्न की प्रचुरता रखता है।

4. एक अन्य मान्यता के अनुसार, दुल्हन अपने माता-पिता को चावल देकर धन्यवाद देती है। वह इस तथ्य के लिए आभार व्यक्त करती है कि उसके माता-पिता ने उसका पालन-पोषण किया। उन्होंने इसका बहुत ख्याल रखा। अब उनका विश्वास दूसरों का विश्वास बनने जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान माता-पिता और बेटी दोनों ही काफी इमोशनल हो जाते हैं।

कर्मकांडों में केवल चावल का ही प्रयोग क्यों किया जाता है?
अब आप में से कुछ लोग सोच रहे होंगे कि इस रस्म में सिर्फ चावल का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है? हम गेहूं की दाल जैसी चीजों का भी उपयोग कर सकते हैं। दरअसल, हिंदू धर्म में चावल को हमेशा से ही पवित्र माना गया है।

यह हमारे आहार का मुख्य स्रोत है। इसके अलावा शास्त्र कहते हैं कि चावल आपके जीवन में शुभता, समृद्धि और उर्वरता लाता है। चावल सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा और बुरी ऊर्जा को दूर करता है। यही कारण है कि हिंदू धर्म में हर धार्मिक और शुभ कार्य में चावल को बहुत महत्व दिया जाता है।

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