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रम में व्हिस्की या व्हिस्की में वोदका, जानिए किससे होगा हैंगओवर कम

 
रम में व्हिस्की या व्हिस्की में वोदका, जानिए किससे होगा हैंगओवर कम

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क। आजकल के बदलते लाइफस्टाइल में हर कोई अपने कामों में इतना बिजी रहता है कि वह खुद के लिए भी वक्त नहीं निकाल पाता है। ऐसे में वीकेंड पर आप लोग अपनी थकान व रिफ्रेशमेंट के लिए पार्टी करते हैं। यही समय होता जब हम अपने परिवार व दोस्तों के साथ समय बिताते हैं। शराब पीने वालों को कई बार आपने यह कहते हुए पाया होगा कि उन्होंने ग़लती से अलग-अलग तरह की शराब मिलाकर पी ली और इस वजह से उनकी तबीयत ख़राब हो गई. वे कहते हैं कि शरीर में पानी की कमी महसूस कर रहे हैं, उनका सिर फट रहा है-सिर्फ़ इसलिए कि उन्होंने अलग-अलग तरह की शराब एक साथ मिलाकर पी ली थी. ये अलग बात है कि शराब के कुछ पैग के बाद ठीक से याद नहीं रहता कि हमने क्या किया था. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अलग-अलग तरह की शराब मिलाकर पीने के बारे में यह कहावतें कितनी सही हैं?

वर्ष 2000 में छपे एक शोध में पुष्टि की गई थी कि इसके अलावा इसके भी सबूत हैं कि हैंगओवर प्रतिरोधक क्षमता भी गड़बड़ा जाती है और इससे सिरदर्द, मितली, थकान महसूस हो सकती है. डीहाइड्रेशन, एल्डोस्टेरॉन और कॉरटिसोल जैसे हार्मोनों के स्तर में बदलाव हैंगओवर (शराब का प्रभाव) के मुख्य लक्षण हैं.  हैंगओवर कितना ज़्यादा होगा यह आमतौर पर दो बातें पर निर्भर होता है, पहला तो यह कि आपने अल्कोहल कितना लिया है और दूसरा कि आपने कितनी जल्दी पिया है. हालांकि यह एक अनुमान मात्र है.

कई लोग कहते हैं कि उन्हें हैंगओवर होता ही नहीं लेकिन हैंगओवर क्यों नहीं होता ये किसी को नहीं पता? यंग डेन्स के एक शोध के अनुसार जिन लोगों ने अल्कोहल की 12 यूनिट ली (तक़रीबन लागर की चार पाइंट या वाइन के 250 मिलीलीटर के चार पैग), उनमें से एक तिहाई को हैंगओवर नहीं हुआ. यह ज़रूरी नहीं कि ड्रिंक्स को मिक्स करने से अल्कोहल की मात्रा बढ़ ही जाए लेकिन कॉकटेल्स से ऐसा हो सकता है. अगर आप अन्य चीज़ों के साथ तीन या चार तरह की शराब को मिलाएं तो सर फटने या गला सूखने जैसी स्थिति आ सकती है लेकिन इसकी वजह कुल मिलाकर अल्कोहल की ज़्यादा मात्रा लेना ही होगी.

यह पदार्थ ख़मीर उठने की प्रक्रिया के दौरान पैदा होते हैं, जैसे, एसीटोन, एसीटैल्डिहाइड, फ़्यूसेल तेल और टैनिन्स. इनसे शराब को गहरा रंग और स्वाद मिलता है. उदाहरण के लिए बर्बान व्हिस्की में वोदका के मुक़ाबले कॉन्जनर 37 फ़ीसदी ज़्यादा होते हैं. एक रात उन्हें बर्बॉन और कोला, एक रात वोदका और कोला और एक रात प्रायोगिक औषधि दी गई, जिसमें कोला और टॉनिक मिलाए गए थे, हां इसमें स्वाद बनाए रखने के लिए बर्बॉन या वोदका की कुछ बूंदें भी डाली गई थीं. उन सभी ने तीन से छह पैग तक लिए थे. अगली सुबह उन्हें सात बजे नाश्ते के लिए उठाया गया. शोधकर्ताओं ने देखा कि बर्बॉन पीने वाले छात्रों को हैंगओवर ज़्यादा था. लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उन्होंने प्रतिक्रिया की जांच में बिल्कुल ठीक प्रदर्शन किया.

सफ़ेद रम, वोदका और जिन जैसी साफ़ शराब से कम और हल्का हैंगओवर हुआ क्योंकि उनमें कॉन्जनर्स का स्तर कम था. संभवतः जो अपने पैग को मिक्स करते हैं उनके गहरे रंग की शराब के चुनने की संभावना ज़्यादा होती है लेकिन एक बार फिर दिक़्क़त दरअसल मिक्सिंग की वजह से नहीं होती. किसी भी वैज्ञानिक ने अब तक इस विषय पर पूरी तरह संतुलित शोध नहीं किया है. इसलिए अब तक मौजूद सबूत इशारा करते हैं कि हैंगओवरों के लिए पैग की मिक्सिंग को दोष नहीं दिया जा सकता. यह संभवतः कॉन्जनर की अधिकता या ज़्यादा पीने की वजह से होता है.

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