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आखिर गोल ही क्यों होती है हवाई जहाज की खिड़कियां, आप भी करें बैठने से पहले गौर

 
आखिर गोल ही क्यों होती है हवाई जहाज की खिड़कियां, आप भी करें बैठने से पहले गौर

ट्रेवल न्यूज डेस्क।। क्या आपने कभी हवाई जहाज की खिड़की से बाहर देखा है? हो सकता है कि आपने जल्दबाजी में नोटिस न किया हो, लेकिन इस बार सीट के पास बैठें और फ्लाइट की खिड़की से बाहर देखें। आपको हर प्लेन में चौकोर खिड़कियों की जगह गोल खिड़कियाँ दिखाई देंगी। इसे देखने के बाद आपके मन में भी यही सवाल आएगा कि ऐसा क्यों है. तो आइए हम आपको इस लेख के माध्यम से हवाई जहाज के गोल खिड़कियों के होने का एक दिलचस्प कारण बताते हैं।

तेज वस्तुओं का उपयोग नहीं किया जाता है

हवाई जहाजों की खिड़कियां गोल होती हैं, जहां से आप बाहर से खूबसूरत नजारा देख सकते हैं, लेकिन अगर आप थोड़ा गौर करें तो पाएंगे कि खिड़कियां पूरी तरह गोल नहीं बल्कि आकार में कुछ गोल हैं। आपको प्लेन में ट्रे से लेकर टेलीविज़न सेट तक या नुकीले किनारों वाली कोई भी चीज़ नहीं मिलेगी। नुकीली चीजें शरीर के किसी भी हिस्से को चोट पहुंचा सकती हैं, चाहे वह कंधे, कूल्हे या कोहनी हों। ऐसे हादसों से बचने के लिए हवाई जहाजों में इस तरह की डिजाइनिंग से परहेज किया जाता है।

आखिर गोल ही क्यों होती है हवाई जहाज की खिड़कियां, आप भी करें बैठने से पहले गौर

बोर्ड पर लोगों की सुरक्षा

हवा के दबाव के कारण चौकोर खिड़कियां टूटने की संभावना होती है। इस प्रकार की डिजाइनिंग में चार कमजोर धब्बे होते हैं, जो धक्का देने पर उड़ान के दौरान कांच के टूटने का कारण बन सकते हैं। तो खिड़कियों को गोल बना दिया जाता है या कोनों को घुमावदार कर दिया जाता है, जो कोनों में दबाव वितरित करता है और इसके टूटने की संभावना को कम करता है।

लोगों की सुरक्षा के लिए

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस एयरलाइन से यात्रा कर रहे हैं या आप किस एयरलाइन से यात्रा करना चाहते हैं। आपको प्रत्येक विमान की गोल खिड़कियां मिलेंगी। डिजाइन को न देखते हुए हर देश में लोगों की सुरक्षा के लिए ऐसी खिड़कियां लगाई जाती हैं। आपको बता दें, 1953 और 1954 में वर्गाकार खिड़कियों के कारण हवा के दबाव से दो विमान क्षतिग्रस्त हो गए थे। दुर्घटना का कारण उड़ान की खिड़कियां थीं।

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प्लेन के कुछ और राज

जब भी हम प्लेन में बैठते हैं तो सोचते हैं कि हमें फ्लाइट मोड करने के लिए क्यों कहा जाता है? आपको बता दें, ये नियम प्रत्येक विमान में केबिन क्रू की शांति और उनके ध्यान पर लागू होते हैं। अगर फोन को फ्लाइट मोड में नहीं रखा जाता है तो एयर ट्रैफिक कंट्रोल केबिन क्रू को शोर की समस्या हो सकती है। यह आवाज उनके रेडियो संचार के बीच में भी आ सकती है और उनका ध्यान भटका सकती है।

प्लेन में धूम्रपान

प्लेन में चढ़ने के बाद हम इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि हम ऐसा कर सकते हैं या नहीं। एक सवाल जो हर किसी के मन में आता है वो है धूम्रपान। अगर आप धूम्रपान करते हैं तो मैं आपको बता दूं कि विमान में धूम्रपान की अनुमति नहीं है, लेकिन हां आप बाथरूम में जाकर धूम्रपान कर सकते हैं। अक्सर पर्यटक लंबी यात्राओं के दौरान धूम्रपान के बिना नहीं रह सकते हैं, तब उन्हें धूम्रपान के लिए शौचालय या शौचालय जाने की अनुमति होती है।

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