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भारत में इस ट्रेन की बजाय पैदल चलना पसंद करेंगे आप, 46 किमी जाने में लग जाते हैं 5 घंटे

 
भारत में इस ट्रेन की बजाय पैदल चलना पसंद करेंगे आप, 46 किमी जाने में लग जाते हैं 5 घंटे

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। भारत की ये धीमी ट्रेन केलर, कुन्नूर, वेलिंगटन, लवडेल और ऊटाकामुंड स्टेशनों से होकर जाती है। इस ट्रेन के डिब्बे नीले और क्रीम रंग के लकड़ी से बनाए गए हैं। इनमें बड़े आकार की खिड़कियां लगाई है हैं, जहां से आप नीलगिरि पहाड़ियों की प्राकृतिक सुंदरता का मजा ले सकते हैं।
 
​नीलगिरी माउंटेन की ऊंचाई 
यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार, नीलगिरी माउंटेन रेलवे को पहली बार 1854 में प्रस्तावित किया था। लेकिन पहाड़ी होने की वजह से और कठिनाईयों की वजह से, काम को 1891 में शुरू किया गया था और फिर इसे 1908 में पूरा कर लिया गया।

भारत में इस ट्रेन की बजाय पैदल चलना पसंद करेंगे आप, 46 किमी जाने में लग जाते हैं 5 घंटे

​यूनेस्को ने बताई ये ऊंचाई 
यूनेस्को ने ये भी कहा गया कि ये रेलवे 326 मीटर से 2,203 मीटर की ऊंचाई तक जा सकती है।
 
​ट्रेन में हैं ये कोच भी 
ट्रेन में फर्स्ट क्लास और जनरल दोनों कोच हैं। ये ट्रेन मेट्टुपालयम स्टेशन से सुबह 7:10 बजे शुरू होती है और दोपहर करीबन 12 बजे ऊटी पहुंचती है।

भारत में इस ट्रेन की बजाय पैदल चलना पसंद करेंगे आप, 46 किमी जाने में लग जाते हैं 5 घंटे

​ट्रेन की शुरुआत दोपहर से 
ट्रेन की शुरुआत दोपहर 2 बजे ऊटी से शुरू होती है और शाम को 5:30 बजे मेट्टुपालयम पर वापस आती है। ट्रेन की टिकट आप रेलवे स्टेशन के काउंटर या आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर बुक करके खरीद सकते हैं।

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