Follow us

Travel Tips: रोज होता है माता के इस मंदिर में चमत्कार, देवी मां को पुजारी के आने से पहले चढ़े मिलते हैं ताजे फूल

 
रोज होता है माता के इस मंदिर में चमत्कार, देवी मां को पुजारी के आने से पहले चढ़े मिलते हैं ताजे फूल

लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क।।   भारत मंदिरों का देश है। यहां कई मंदिर हैं जो रहस्यमय और चमत्कारी माने जाते हैं। कई मंदिरों में भक्त ऐसे चमत्कार देखते हैं जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है। इन मंदिरों में होने वाली घटनाओं के पीछे के रहस्य आज भी सभी के लिए अनसुलझे हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक है मैहर में स्थित माता शारदा का शक्तिपीठ। मैहर में शारदा मंदिर देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि यहां माता सती का हाथ गिरा था। यह मंदिर त्रिकुटा पहाड़ी की चोटी पर है। कहा जाता है कि पहाड़ की चोटी पर बने इस मंदिर में सच्चे मन से मां के दर्शन करने जाने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।

चमत्कार प्रत्येक दिन होता है


यह मंदिर बिल्कुल चमत्कारी है। इस मंदिर में आए दिन कोई न कोई चमत्कारी आयोजन होता है। रात में मंदिर के पट बंद होने के बाद पुजारी भी पहाड़ के नीचे चले जाते हैं। इस मंदिर में रात के समय कोई नहीं रहता है, लेकिन अगली सुबह पुजारी के आने से पहले देवी मां के सामने ताजे फूल दिखाई देते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये ताजे फूल बहादुर योद्धा आल्हा और उदल द्वारा देवी को चढ़ाए जाते हैं।

ऐसी होती है पहचान


इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि आला और ऊदल अदृश्य हो जाते हैं और प्रतिदिन मंदिर में माता की पूजा करने आते हैं। इन दोनों योद्धाओं ने इस घने जंगल में एक पर्वत पर स्थित माता शारदा के पावन धाम की खोज की और यहां 12 वर्षों तक तपस्या की। कहा जाता है कि माता शारदा ने उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अमरता का वरदान दिया था।

जीभ काटकर मां को अर्पित किया
इसके अलावा, इस मंदिर के बारे में एक और किंवदंती है कि आला और ऊदल ने अपनी जीभ काट दी और देवी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें देवी को अर्पित कर दिया। तब माँ ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर अपनी जीभ फिर से जोड़ दी। इस मंदिर में मां के दर्शन के लिए 1001 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। हालांकि पिछले कुछ समय से यहां रोपवे की सुविधा भी शुरू की गई है।

From around the web