Follow us

ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट का ये नियम जरूर पढ़ लें, वरना हो सकती है सजा! बहुत कम लोगों को है पता

 
s

लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। जब कभी आपको ट्रेन से कही जाना होता है तो आप टिकट बुक करते है या खरीदते है फिर अपनी यात्रा करते है। लेकिन कभी आपने यह जानने की कोशिश की है कि टिकट के भी कुछ नियम होते है जिन्हें फॉलो करना भी उनता ही जरूरी हैं। अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे है तो बहुत जरूरी है कि आपको उन रूल्स के बारे में जरूर पता हो। यदि आपको उस नियम के बारे में नहीं पता है तो आप पर ना सिर्फ जुर्माना लग सकता है, बल्कि आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। इसलिए ट्रेन में बैठने से पहले ट्रेन से जुड़े नियमों का जरूर ध्यान रखें, क्योंकि यह रूल्स की जानकारी सभी यात्री को होनी चाहिए।

बहुत बार ऐसा होता है कि टिकट किसी और के नाम की और यात्रा कोई और ही कर रहा है। ऐसा करना बहुत गलत होता है। हाल ही में रेल मंत्रालय ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी है कि किसी अन्य व्यक्ति के नाम की टिकट पर रेल यात्रा करना दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा यात्रा सदैव खुद के नाम की टिकट पर करना चाहिए। अगर आप भी ऐसा करते है तो ध्यान रखे अब से ऐसा करना आपको महंगा पड़ सकता है।

परिवार वालों के लिए है अलग नियम?

अब आप तो इस बात से पूरी तरह वाकिफ होंगे की खुद के नाम की टिकट से ही यात्रा करना ठीक रहेगा। लेकिन, इसी संबंध में परिवार को लेकर अलग ही नियम है। परिवार को लेकर अलग नियम है और परिवार के किसी शख्स की टिकट पर यात्रा कर सकते हैं। लेकिन, यह ध्यान रखने वाली बात है कि आप जिस शख्स की टिकट पर यात्रा कर रहे हैं, उसके साथ आपका खून का रिश्ता होना चाहिए। जैसे कि माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या बच्चों के नाम से टिकट है तो आप उनकी टिकट पर यात्रा कर सकते हैं।

मगर, ऐसा नहीं है कि आप परिवार के दूसरे सदस्य की सीधे टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं। इस सुविधा के लिए एक प्रक्रिया बनाई गई है जिसे फॉलो करना बहुत ही जरूरी है। जिसके बाद ही आप यात्रा कर सकते हैं। रेलवे के मुताबिक, दोनों तरह की टिकट पर यात्रा की जा सकती है। इसके लिए काउंटर या ई-टिकट जैसी कोई बाध्यता नहीं है। इसके लिए यात्री को पहले टिकट पर नाम बदलवाना होगा। यानी कि जिस व्यक्ति को रेल यात्रा करनी है, उस व्यक्ति का नाम एड कराना बहुत जरूरी है। यह काम परिवार का कोई भी सदस्य करा सकता है।

आपके पास काउंटर टिकट हो या ई-टिकट, दोनों ही परिस्थितियों में अपने नजदीकी रिजर्वेशन काउंटर पर चीफ रिजर्वेशन अफसर से मिलना होगा। इसके लिए जरूरी दस्तावेज भी ले जाने होंगे। ये अफसर ही आपके नाम से एक टिकट जारी करेंगे। इस टिकट की मदद से आप ट्रेन में बिना किसी परेशानी के यात्रा कर सकेंगे। आपको स्त्री-पुरुष का ध्यान रखना होगा। अगर स्त्री के नाम से टिकट है, तो कोई परिवार की स्त्री नाम चेंज कराकर यात्रा कर सकेगी। यही नियम पुरुषों के मामले में होगा।

इन लोगों को भी है छूट

परिजनों के अलावा भारतीय रेलवे किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्रों को भी टिकट ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है। ऐसी स्थिति में इंस्टीट्यूट के प्रमुख को लेटरहेड पर जरूरी डॉक्यूमेंट की लिखित रूप से ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले आवेदन करना होता है।

From around the web