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भारत में स्कॉटलैंड से मशहूर है खूबसूरत वादियों से बसा कूर्ग

 
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लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। अगर आप यूरोप घूमना चाहते हैं लेकिन आपकी जेब इसकी इजाजत नहीं दे रही है तो निराश होने की जरूरत नहीं है भारत के स्कॉटलैंड यानी कुर्ग का रुख कीजिए जो किसी भी मामले में यूरोपीय हिल स्टेशन से कम नहीं है। इसलिए इसे इंडिया का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। कर्नाटक में पश्चिमी घाट की वादियों में बसे इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से टूरिस्ट आते हैं। विशाल हरी-भरी घाटियों में आपको दूर-दूर बने हुए घर दिखाई देंगे। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती देखते ही बनती हैं। यहां हम आपको कुर्ग से जुड़ी हर जानकारी दे रहे हैं।

कैसे पहुंचे कुर्ग
अगर आप हवाई मार्ग के जरिए कुर्ग जाना चाहते हैं तो मैंगलोर हवाई अड्डा सबसे नजदीक है। इसकी कुर्ग से दूरी करीब 160 किलोमीटर है और सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन मैसूर है, जो करीब 110 किलोमीटर दूर है। इसके अलावा, अगर आप सड़क मार्ग से कुर्ग जाना चाहते हैं तो कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बस से भी सफर कर सकते हैं। डीलक्स बसों के जरिए कुर्ग, कर्नाटक के हर जिले से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा आप टैक्सी, बस या खुद कार चलाकर भी कुर्ग पहुंच सकते हैं।

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कब जाएं कुर्ग
कुर्ग में पूरे साल तापमान 15-25 डिग्री के बीच बना रहता है जो घूमने के लिए उपयुक्त है। यूं तो आप कभी भी कुर्ग घूमने जा सकते हैं लेकिन अक्टूबर से मार्च के दौरान कुर्ग घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आप कुर्ग में सफेद फूलों से ढकी घाटियां देखना चाहते हैं तो अप्रैल से मई के दौरान जाएं। जून से सिंतबर के बीच यहां अच्छी बारिश होती है। बारिश के दौरान कुर्ग एकदम दूसरे रूप में तब्दील हो जाता है। कॉफी और चाय के बागान एकदम नए और ताजा दिखते हैं।

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कुर्ग में कहां घूमें
कुर्ग में घूमने के लिए कई मंदिर, प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर वादियां और झरने हैं। अगर आप प्राकृतिक खूबसूरती को करीब से देखना चाहते हैं तो ऐबे और मल्लाली झरने को देखने जरूर जाएं। प्रकृति प्रेमियों और एडवेंचर लवर्स को यह जगह बहुत पसंद आती है। 200 फीट की ऊंचाई से गिरता मल्लाली झरने का पानी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह झरना भारत का सबसे बड़ा झरना भी है। जून से सितंबर तक होने वाले मॉनसून सीजन के दौरान यहां जाइए उस दौरान यह झरने अपने पूरे शबाब पर होते हैं। पहाड़ों से टकराते हुए पानी की आवाज आपके कान में यहां से जाने के बाद भी गूंजती रहेगी। इसके अलावा आप 1820 में बने ओमकारेश्वर मंदिर और ताल कावेरी भी जा सकते हैं ताल कावेरी, कावेरी नदी का उदगम स्थल है यहीं से कावेरी नदी बनती है। कुर्ग यात्रा के दौरान कावेरी निसारगाधाम भी जाएं जो कावेरी नदी द्वारा बनाया एक आईलैंड हैं।

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कुर्ग में एडवेंचर ऐक्टिविटी
अगर आप रोमांच के शौकीन हैं तो कुर्ग में इसका भी पूरा प्रबंध हैं आप ट्रैकिंग या माउंटेनिंग कर सकते हैं। कक्काबे से थडियानडामोल सबसे लोकप्रिय रूट है जो राज्य की सबसे ऊंची चोटी भी है इस ट्रेक को पूरा करने में करीब 5 घंटे लगते हैं। इसके अलावा दुबारे हाथी कैंप का रुख कर सकते हैं यह कैंप कर्नाटक सरकार चलाती है और इसमें हाथियों को पेशेवर प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां आप हाथी की सवारी कर सकते हैं और नदी में हाथियों के साथ नहा भी सकते हैं। हाथियों के साथ नहाने के लिए आपको सुबह 9 बजे यहां पहुंचना होगा। इसके अलावा कुर्ग में रीवर राफ्टिंग, माइक्रोलाइट फ्लाइंग, कायाकिंग और केनोइंग, क्वेड बाइकिंग, जंगल जिम और पेंटबॉल ऐक्टिविटी का अनुभव भी कर सकते हैं।

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