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बिहार की इस जगह पर लगी पर्यटकों की भीड़, बच्चों समेत आप भी कर लें तैयारी, ठहरने से लेकर खाने तक सारा है इंतजाम

 
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सरकार और स्थानीय जिला प्रशासन ने वाल्मिकी नगर को एक बेहतर पर्यटन स्थल बनाया है जिसके कारण यहां लगातार पर्यटक आ रहे हैं. यहां छुट्टियां बिताने आने वाले पर्यटक यहां के जंगल सफारी के मनोरम दृश्य को भी पसंद कर रहे हैं। पश्चिम चंपारण का वाल्मिकी नगर जिला मुख्यालय पटना से करीब 300 किमी दूर है. इस वाल्मकी कस्बे में ही बिहार, यूपी और नेपाल की सीमा पर विशाल वन क्षेत्र है. जिसे वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है. इस वन क्षेत्र में पर्यटकों के घूमने के लिए ट्रैक बनाया गया है। इसे देखने के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं।

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देश के किसी भी कोने से यहां पर पहुंचने के लिए सड़कों की कनेक्टिविटी अच्छी है। सड़कों के अलावा ट्रेन और हवाई जहाज से भी यहां पहुंचा जा सकता है। सबसे नजदीकी एयरपोर्ट कुशीनगर और गोरखपुर हवाई अड्डा है, जहां से किराए पर गाडियों से यहां पहुंचा जा सकता है।

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यहां पर पर्यटकों को ठहरने के लिए भी बहुत ही बेहतरीन एकोमोडेशन की व्यवस्था की गई है। यहां पर ठहरने के लिए बंबू कॉटेज, ट्री कॉटेज के अलावा कई रिजॉर्ट भी हैं। किफायती और हर बजट में कमरे मिल जायेंगे। यहां जंगल सफारी कैंप के पास ही कैंटीन भी है। जहां हर तरह के मेनू के हिसाब से खाने उपलब्ध है।

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यहां ठहरने के बाद आप अगली सुबह या शाम को जंगल सफारी के लिए निकल सकते हैं। जंगल सफारी के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन पेमेंट करने के बाद आपके लिए गाड़ी रिज़र्व हो जाएगी। इस गाड़ियों से आप 25 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर सकते हैं। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में को घूमने के साथ लोगों की सहूलियत के लिए कई गाइड भी लगाए गए हैं। जो गाइड आपको ट्रैकिंग पर चलने के दौरान पूरे जंगल सफारी के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे।

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वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के गाइड विजय विश्वास ने बताया कि यह पूरा टाइगर रिजर्व का क्षेत्र करीब 600 वर्ग किलोमीटर का है। जो यूपी और नेपाल के चितवन जंगल से जुड़ा हुआ है। इस ओपन वन क्षेत्र में बिहार, यूपी और नेपाल से जानवर खुला विचरण करते है। जिन्हें देखने के लिए वाल्मीकि नगर में 25 किलोमीटर के दायरे में लोगों को ट्रैकिंग कराई जाती है।

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