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भारत की इन अनोखी मूर्तियों को देख हर कोई कहता है एक ही बात…कैसे बनाया गया होगा इन्हें?

 
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आपने केरल की खूबसूरती तो खूब देखी होगी, लेकिन कभी केरल के कोल्लम जिओले के चदयामंगलम में स्थित जटायु अर्थ सेंटर देखा है? एक ऐसा सेंटर जो अपनी विशाल जटायु मूर्ती के लिए दुनियाभर प्रसिद्ध है। जटायु अर्थ सेंटर को जटायु नेचर पार्क के नाम से भी जाना जाता है। मूर्ती 50 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और 65 एकड़ भूमि को कवर करते हुए 4 पहाड़ियों में फैली हुई है। आपको बता दें, इस अनोखी मूर्ती को राजीव आंचल ने डिजाइन किया था। यह रामायण के पौराणिक पक्षी जटायु का प्रतिनिधित्व करता है। दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी मूर्ति जटायु नेचर पार्क में स्थित है।

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संत तिरुवल्लुवर की मूर्ति 41 मीटर लंबी है, और इसे कन्याकुमारी, तमिलनाडु के तट पर एक छोटे से द्वीप पर देखा जा सकता है। प्रसिद्ध तमिल कवि और संत तिरुवल्लुवर के सम्मान में, राज्य सरकार ने 2000 में इस प्रतिमा के लिए 38 फुट ऊंचा आसन बनाया था। पुण्य के 38 अध्यायों और तिरुक्कुरल में 133 अध्यायों का प्रतीक है ये प्रतिमा।

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सिक्किम के दक्षिण जिले में मौजूद तथागत त्साल में 130 फीट ऊंची बुद्ध की एक विशाल और सुंदर मूर्ति है। आपको बता दें, इस प्रतिमा को भारत में भगवान बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में भी जाना जाता है। खूबसूरत चो जो झील भी परिसर के अंदर स्थित है, जो आसपास के वातावरण को बेहद अनोखा और सुंदर बना देती है।

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स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में आखिर किसने नहीं सुना, गुजरात के केवड़िया कॉलोनी में नर्मदा नदी के तट पर स्थित ये प्रतिमा दुनियाभर में मशहूर है। मूर्ती को भारत के पहले उप प्रधान मंत्री, सरदार वल्लभ भाई पटेल के सम्मान में बनाया गया था। प्रतिमा को "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी" नाम देने का यही कारण है कि उन्होंने अपने समय में भारत गणराज्य बनाने के लिए देश की सभी 562 रियासतों को एकजुट करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था। इसके अलावा, क्या आप जानते हैं कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है।

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कोयंबटूर में वेल्लियांगिरी मूर्ती पर्वतों से घिरी हुई है। आदियोगी शिव प्रतिमा देशभर के लोगों के बीच इतनी मशहूर है कि आए दिन आपको यहां लोगों की अच्छी भीड़ दिख जाएगी। प्रसिद्ध मूर्ति 35 मीटर ऊंची, 45 मीटर लंबी और 7.7 मीटर चौड़ी है। इस मूर्ति को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी मूर्तिकला घोषित किया गया था। दिलचस्प बात, ये एक 500 टन वजन वाले टील से बनी है।

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