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भगवान श्रीकृष्ण आज भी लेते है इस मंदिर में सांसे, हाथ में घडी पहने कान्हा का धडकता है दिल

 
भगवान श्रीकृष्ण आज भी लेते है इस मंदिर में सांसे, हाथ में घडी पहने कान्हा का धडकता है दिल

लाइफस्टाईल न्यूज डेस्क।। भगवान श्रीकृष्ण एक ऐसे अवतार हैं जो जीवन के हर रंग को अपने अंदर समाहित कर लेते हैं। बाल गोपाल को लोगों ने अलग-अलग तरह से देखा और अनुभव किया है। उन्हें कन्हैया, माधव, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण 125 वर्ष, 6 महीने और 6 दिन तक पृथ्वी पर रहे, जिसके बाद वे स्वधाम चले गए। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां श्रीकृष्ण की पूजा घड़ी के रूप में की जाती है।

भगवान श्रीकृष्ण आज भी लेते है इस मंदिर में सांसे, हाथ में घडी पहने कान्हा का धडकता है दिल

हम बात कर रहे हैं गुजरात के खारपुर स्थित स्वामी नारायण गोपीनाथ मंदिर की, जहां श्रीकृष्ण की मूर्ति की कलाई पर एक घड़ी बंधी है जो प्लस रेट से चलती है। यह घड़ी एक अंग्रेज ने बनाई थी जब उसे पता चला कि ठाकुर जी की मूर्ति में प्राण हैं, जब वह अंग्रेज भारत आया तो उसने इस मंदिर के बारे में सुना, वह फिर अपने देश वापस चला गया और वहां से घड़ी ले आया। इस घड़ी की खासियत यह थी कि यह व्यक्ति की नब्ज़ पर चलती है। यदि व्यक्ति जीवित है तो ही घड़ी चलेगी और सही समय बताएगी।

भगवान श्रीकृष्ण आज भी लेते है इस मंदिर में सांसे, हाथ में घडी पहने कान्हा का धडकता है दिल

अंग्रेज ने श्रीकृष्ण की कलाई पर घड़ी बांध दी, फिर सही समय दिखाकर चला गया। कहा जाता है कि जब ठाकुर जी घड़ी सजाते हैं तो घड़ी उतारते ही बंद हो जाती है और मूर्ति की भुजा पर पहनाते ही घड़ी फिर से चलने लगती है। ऐसा माना जाता है कि गोपीनाथ जी, श्री कृष्ण की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई मूर्ति है, यह मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी और किसी शिल्पकार द्वारा नहीं बनाई गई थी। इसलिए इस मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है।

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मंदिर के महंत ने बताया कि गोपीनाथजी के मंदिर में प्रतिदिन 9 झांकियां निकलती हैं। सुबह 4:30 बजे से ठाकुर जी के पट मंगला झाँकी के साथ खुलते हैं। इसके बाद अलग-अलग समय पर धूप, श्रृंगार, राजभोग और शाम को धूप, ग्वाल, संध्या, उलवै और शयन झांकी होती है। जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय लोग ठाकुर जी के दर्शन करने आते हैं।

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