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राधा-कृष्ण के सच्चे प्यार का गवाह है सिसोदिया रानी का बाग, खूबसूरती ऐसी कि देखकर लोग रह जाते है हैरान

 
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उदयपुर की रानी चंद्रकुंवर सिसोदिया के नाम पर बने इस बाग का निर्माण 1728 में सवाई जयसिंह ने कराया था। यह बाग प्रेम की एक अनूठी मिसाल पेश करता है। दरअसल, जयपुर की महारानी चंद्रकुंवर सिसोदिया को प्रकृति से विशेष प्रेम था।

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सिसोदिया रानी का बाग जयपुर के सभी उद्यानों में सबसे बड़ा और सबसे सुंदर है। पहाड़ों के घेरे के बीच बना यह बाग अपनी सुंदरता और बनावट के कारण पर्यटकों के घूमने का मुख्य स्थल बना हुआ है। हरे-भरे पेड़ों-फूलों की क्यारियों और खूबसूरत चारबाग की शैली इस बाग में चार चांद लगा देती हैं।

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सिसोदिया रानी का बाग में भगवान शिव-भगवान हनुमान और भगवान विष्णु को समर्पित मंदिर भी बनवाए गए है। वहीं मंदिर के बगल में एक प्राकृतिक झरना भी है, जो बारिश के समय में बहता है। सिसोदिया रानी के बाग में लम्हें-धड़क समेत कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। आपको बता दें कि इसी महल में राजकुमार माधोसिंह का जन्म हुआ था, जो बाद में 1750 ई में जयपुर के राजा बने।

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सिसोदिया रानी का बाग में प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए प्रति व्यक्ति जहां 55 रुपए है, तो वहीं विदेशी पर्यटकों के लिए प्रति व्यक्ति 302 रुपए रखा गया है। वहीं पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए इसकी कीमत मात्र 25 रुपए है। इतना ही नहीं, 7 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश निशुल्क है।

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एक तरफ जहां हवा महल के अंदर कदम रखते ही लोगों को राजपूताना और इस्लामी मुगल वास्तुकला का मेल देखने को मिलता है, तो वहीं शहर से छह किलोमीटर दूरी पर स्थित सिसोदिया रानी का बाग ऐसा है, जो अपनी भव्यता जो पेश करता है। इस बाग की खूबसूरती ऐसी है कि जिसे देखकर आप भी इसके कायल हो जाएंगे।

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