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कहीं कब्र के साथ तो कहीं बिल्लियों के साथ खिलाया जाता है खाना, ये रहे भारत के कुछ अनोखे 5 रेस्टोरेंट

 
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अंधेरे की थीम वाला रेस्टोरेंट पूरी तरह से अंधेरे में ही चलाया जाता है, ताकि चीजों को देखने के बजाय उनका अनुभव लिया जा सके और खाने की हर एक चीज को अच्छे से टेस्ट किया जा सके। इस रेस्टोरेंट को अंधेरे में रखने का केवल एक ही उद्देश्य है कि यहां आने वाले लोगों को दृष्टिबाधित में आने वाली चुनौतियों का अनुभव कराना है। 50 लोगों के साथ बैठकर खाना जिसमें पूरी तरह से अंधेरा हो, एक बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसी जगह पर बैठने का अपना एक अलग ही रोमांच है।

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मुंबई का पहला और अनोखा कैट कैफे स्टूडियो न केवल यहां आने वाले लोगों को कॉफी सर्व करता है और सामुदायिक केंद्र के रूप में करता है, बल्कि कई लाई गई बिल्लियों के लिए घर के रूप में करता है। यहां आने वाले ग्राहक बिल्लियों के साथ खेल सकते हैं, उन्हें ढेर सारा प्यार दे सकता है। यही नहीं आप इन्हें गोद भी ले सकते हैं। कैफे मैनेज करने वाले लोग कला प्रदर्शनियों, ओपन माइक नाइट्स, थिएटर और बेक बिक्री के साथ बहुत सारे ऑफ़लाइन कार्यक्रम आयोजित करती है, जहां लोग बिल्लियों के साथ खेल सकते हैं और शो का आनंद ले सकते हैं। ये कैफे जितना भी कमाता है, उसका 2-15% से अधिक लाभ बिल्लियों और कुत्तों की मदद करने में चला जाता है।

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तिहाड़ जेल दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे मशहूर और सबसे बड़ी जेलों में से एक है, जहां खतरनाक कैदी जेल में रहते हैं। हालांकि, अधिकारी कैदियों को जीवन में कुछ अच्छा करने के लिए दूसरा मौका भी दे रहे हैं और अच्छे आचरण या काम से उन्हें पुरस्कृत भी करते रहते हैं। फूड कोर्ट की स्थापना इसी दिशा में एक और कदम है। इस रेस्टोरेंट में दोषियों को वेटर और स्टाफ के रूप में नियुक्त किया जाता है और गैर-लाभकारी रेस्टोरेंट से रेवेन्यू लेकर और टीजे ब्रांड प्रोडक्ट के अंतर्गत और कैदियों द्वारा बनाई गई चीजों को आगे निर्धारित किया जाता है। फूड कोर्ट में काम करने के योग्य होने के लिए, कैदी के पास कम से कम 12 साल की कैद जिसमें की भी तरह का कोई गलत काम न किया हो और न्यूनतम हाई स्कूल शिक्षा का रिकॉर्ड होना चाहिए।

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क्या आपने कभी सोचा है कि कब्रिस्तान में बैठकर चाय पीने का अनुभव कैसा होगा? शायद नहीं, लेकिन लोग असल में ऐसा करते हैं। जी हां, अहमदाबाद में मौजूद न्यू लकी रेस्टोरेंट बेहद अनोखा है, जिसे कब्रिस्तान के ऊपर बनाया गया है। यही नहीं, होटल में चाय के टेबल के साथ ही एक कब्र भी मौजूद है। इस रेस्टोरेंट का निर्माण लगभग 50 साल पहले कृष्ण कुटी ने किया था। हालांकि ये रेस्टोरेंट उन्हीं लोगों के लिए बना है, जो कब्र के पास बैठकर चाय पीने की चाहत रखते हो। यहां का अनुभव बेहद खास होगा।

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बेघर और भूखे लोगों की मदद करने के लिए ये रेस्टोरेंट हर रेस्टोरेंट से एकदम अलग है। कोच्चि में एक लोकप्रिय फ़ूड जॉइंट पप्पड़वाड़ा ने रेस्टोरेंट के बाहर एक पब्लिक फ्रिज रखा है, जहां रेस्टोरेंट से बचा हुआ खाना किसी भी जरूरतमंद को दिया जा सके। इस रेस्टोरेंट की मालिक मीनू पॉलीन इस बात का ध्यान रखती है कि उनके रेस्टोरेंट से रोजाना कम से कम 50 फूड पैक फ्रिज में रखा जाए। जिन लोगों को पूरा दिन एक वक्त का खाना नसीब नहीं होता, वो यहां अपनी इच्छा अनुसार खाना खा सकते हैं।

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