राजस्थान का ऐसा चमचमाता किला जिसे देख चौंधिया जाती है आँखे, खूबसूरती देख लगता है जैसे रेगिस्तान में गिरा हो कोई स्वर्ण मुकुट
लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क !! 'मेरे देश का भ्रमण करें...' यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि खूबसूरती से फैला राजस्थान अपने भव्य महलों, रंग-बिरंगी संस्कृति, पहनावे और दिलचस्प कलाकृतियों के लिए जाना जाता है। यहां कई खूबसूरत ऐतिहासिक इमारतें और किले हैं, जिन्हें देखने के लिए न सिर्फ देश के लोग बल्कि विदेशी पर्यटक भी दूर-दूर से आते हैं।
सोनार किला कहां है?
दरअसल राजस्थान का यह किला जैसलमेर जिले में स्थित है। कहा जाता है कि किले के निर्माण के साथ ही जैसलमेर की नींव भी रखी गई थी। सोनार किला जैसलमेर जिले का मुख्य आकर्षण है, जो शहर के हर कोने से दिखाई देता है। किला हल्के पीले बलुआ पत्थर से बना है, जो सूर्यास्त के समय सोने की तरह चमकता है। किले में चार विशाल द्वार हैं जिनसे होकर कोई भी किले के अंदर प्रवेश कर सकता है। आपको बता दें कि किले के इन दरवाजों को पोल कहा जाता है जिनके नाम इस प्रकार हैं। ढाई पोल—हवा पोल, सूरज पोल और गणेश पोल।
कब बना था ये किला?
जैसलमेर का किला 1156 में भाटी राजपूत राजा रावल जैसल द्वारा बनवाया गया था। 13वीं शताब्दी में, किले पर खिलजी वंश के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने हमला किया था, जिसके बाद उसने 9 वर्षों तक किले पर कब्जा कर लिया था। 1551 के आसपास रावल लूनकरण के शासनकाल के दौरान अमीर अली ने किले पर फिर से हमला किया, जिसके बाद मुगलों के साथ संबंध सुधारने के लिए रावल ने 1570 में अपनी बेटी की शादी अकबर से कर दी।
किले की वास्तुकला
यह किला 1500 फीट लंबा और 750 फीट चौड़ा और 250 फीट ऊंचे पर्वत पर बना हुआ है। किले का तहखाना 15 फीट लंबा है। किले में कुल चार प्रवेश द्वार है, जिनमें से हर एक द्वार पर तोपे भी लगी हुई हैं। इस किले में कुछ हवेलियां भी हैं, जिनमें पटवाओं की हवेली, नथमल की हवेली, सलाम सिंह की हवेली शामिल हैं। इस किले में राजपुताना और इस्लामी शैली की शानदार वास्तुकला देखने को मिलती है। किले के अंदर कुछ खूबसूरत जैन मंदिर भी हैं, जोकि 12-15 वीं शताब्दी के बीच निर्मित हैं।
रेगिस्तान का सबसे बड़ा किला
जैसलमेर का यह किला दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तानी किला है, जिसमें 400 घरों में 1200 लोगों की आबादी रहती है। ऐसी कई दुकानें हैं जहां स्थानीय लोग हस्तशिल्प उत्पाद बेचते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह किला भारत का एकमात्र ऐसा किला है जहां मध्यकाल के दौरान स्थानीय लोगों के लिए दैनिक आधार पर दुकानें लगाई जाती थीं। इतना ही नहीं, फिल्म निर्माता और लेखक सत्यजीत रे किले की सुंदरता से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने 1974 में सोनार केला नामक फिल्म का निर्देशन किया।
जैसलमेर किला घूमने का सबसे अच्छा समय
जैसलमेर का किला थार रेगिस्तान के रेतीले मैदानों पर बना है। ऐसे में गर्मी के महीने यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय नहीं है। अगर आप जैसलमेर किले की यात्रा करना चाहते हैं तो आप यहां सर्दियों के महीनों में यानी अक्टूबर से मार्च के बीच आ सकते हैं। सर्दियों में आपको दिन में ज्यादा गर्मी महसूस नहीं होगी। जैसलमेर रेल, सड़क और हवाई मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। ऐसे में आपको इस शहर में आने में कोई परेशानी नहीं होगी.