किसी रॉयल पैलेस से कम नहीं है नया संसद भवन, सुविधाओं के आगे तो विदेशी पार्लियामेंट भी हो गए फेल
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। संसद भवन को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है और इस मंदिर को भव्य बनाने के लिए इसे 96 साल बाद फिर से नया रूप दिया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक संसद भवन का काम ज्यादातर पूरा हो चुका है और अब प्रधानमंत्री मोदी 28 मई 2023 यानी दो दिन बाद इसका उद्घाटन करने जा रहे हैं. संसद भवन को लेकर आप सभी के मन में कई सवाल होंगे कि इसे बनाना क्यों जरूरी था? या फिर इसमें कौन से नए फीचर जुड़ने वाले हैं।
तो आपको बता दें कि पुराना संसद भवन साल 1927 में बनकर तैयार हुआ था, उस वक्त सिर्फ वही सुविधाएं रखी जाती थीं जिनकी जरूरत होती थी, लेकिन आज कई चीजें गायब हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी। आइए जानते हैं नई संसद की कुछ खासियतों के बारे में।
नए संसद भवन में बैठने की व्यवस्था
नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सदस्य बैठ सकते हैं, अगर दोनों सदन एक साथ मिल जाएं तो यहां एक बार में 1,280 सांसद बैठ सकते हैं। मौजूदा संसद भवन में लोकसभा में 550 और राज्यसभा में 240 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।
नया संसद भवन वायु और ध्वनि प्रदूषण से मुक्त होगा
नए संसद भवन के निर्माण के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए कई उपाय किए गए हैं। बता दें, सभी सांसदों के लिए अलग कार्यालय होगा, उनके कार्यालयों को पेपरलेस कार्यालय बनाने के लिए नए डिजिटल इंटरफेस से लैस किया गया है. नए भवन में एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, एक भोजन कक्ष और एक पार्किंग स्थल भी होगा।
अंदर का नजारा बेहद अनोखा है
अधिकारियों के मुताबिक, इसमें 6 गेट और सार्वजनिक सड़कों में देश के अलग-अलग हिस्सों की मूर्तियां और कलाकृतियां होंगी। चील, गज, घोड़े और मगरमच्छ समेत देश में पूजे जाने वाले जानवरों की भी झलक मिलेगी। कहा जा रहा है, यहां तीन दीर्घाएं होंगी जो आपको भारत के ऐतिहासिक युग से आधुनिक युग तक ले जाएंगी।
तीन विशेष द्वार होंगे
कहा जा रहा है कि नए संसद भवन में तीन नए द्वार भी होंगे, जिन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि नए संसद भवन का नाम भी मिल सकता है। भवन में महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडकर, सरदार पटेल और चाणक्य की ग्रेनाइट की मूर्तियां भी लगाई जाएंगी।
कांस्टीट्यूशन हॉल भी होगा खास
नई संसद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका कॉन्स्टीट्यूशन हॉल है, जो भवन के केंद्र में स्थित है। उस पर अशोक स्तंभ स्थापित किया गया है, कहा जाता है कि इस हॉल में संविधान की एक प्रति होगी, इतना ही नहीं, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान प्रधानमंत्रियों की एक बड़ी तस्वीर भी होगी। यहाँ