आत्माओं के चीखने-चिल्लाने की सुनाई देती है आवाज़ें Uttarakhand की इन Mysterious Mines में, जानिए इसके पिछे की वजह
ट्रेवल न्यूज डेस्क।। रहस्यमयी क़िस्सों से ये दुनिया भरी पड़ी है. वो क़िस्से बड़े से बड़े तुर्रम खां भी जिनके पीछे की साइंस पता नहीं कर पाए. डरावने क़िस्सों और कहानियों का भारत की कुछ जगहों में भी शोर सुनाई पड़ता है. कुछ भूतिया जगहें राजस्थान के 'भानगढ़ क़िले' की तरह सब जानते हैं. लेकिन लोग आज भी कुछ रहस्यमयी जगहों की कहानी से अनजान हैं. उत्तराखंड के मसूरी में स्थित एक ऐसी जगह के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जो बेहद रहस्यमयी मानी जाती है. 'लांबी देहर माइंस' इस जगह का नाम है, जिसे 'मौत की ख़दान' भी कहा जाता है.
उत्तराखंड की सबसे डरावनी जगहों में से एक मसूरी में स्थित 'लांबी देहर माइन्स' को माना जाता है. अब ये जगह खंडहर में तब्दील हो चुकी है. यहां के स्थानीय नागरिकों से अगर आप बात करेंगे तो हर कोई आपको वहां न जाने की नसीहत देंगे.
सुनाई देती हैं लोगों के चीख़ने-चिल्लाने की आवाज़ें
यहां तक कुछ पर्यटकों ने भी खदान में असामान्य और अजीबो-ग़रीब आवाज़ें सुनने की सूचना दी है. उत्तराखंड की ये भूतिया जगह दफनाई हुए लाशों के रोने और कराहने से अक्सर गूंजती रहती है. लोग सूर्यास्त के बाद इस ख़दान के क़रीब जाने से से भी कतराते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इस जगह पर चुड़ैल का निवास है, जिसकी चीखें रात के सन्नाटे में सुनी जा सकती हैं.
ऐसे बनी भूतिया खदान
कहा जाता है कि क़रीब 50,000 मज़दूरों की साल 1990 में ख़दान में काम करने वाले ग़लत प्रक्रिया से होने वाली माइनिंग के चलते दर्दनाक मौत हो गई थी. ख़दान के आस-पास रहने वाले मजदूरों को भी इसके अलावा इस फेफड़े की बीमारी होने के चलते खून की उल्टियां आने लगी थीं. जिसकी वजह से उनकी भी मौत हो गई. तब से ही ये 'देहर खदान' भूतिया खदान बन चुकी है.
1996 से पसरा है सन्नाटा
यहां तक इस खदान के पास एक हेलीकॉप्टर क्रैश की दुर्घटना भी हो चुकी है. जिस वजह से लोग इसके आसपास तक नहीं भटकना चाहते. कई अजीब गतिविधियों के चलते इसको साल 1996 में बंद कर दिया गया था. लेकिन इसके बंद होने के बावजूद भी यहां पर होने वाली असामान्य चीज़ों पर फ़ुल स्टॉप नहीं लगा. इस जगह पर अक्सर हादसों की ख़बरें आती रहती हैं.
लोगों ने ख़ाली कर दिए थे मकान
यहां के सन्नाटे में भी खौफ़ महसूस किया जा सकता है. ये एक ऐसी जगह बन चुकी है जहां पर जाने की हिम्मत कोई बहादुर दिल वाला ही कर सकता है. सालों पहले ही यहां के निवासियों ने इस जगह को ख़ाली कर दिया था. अब यहां कई विशाल पेड़ उग आए हैं जिसने इस जगह को जंगल का रूप दे दिया है.