ये है दार्जीलिंग का सबसे पुराना नेशनल पार्क, घूमने के लिए जाएं तो बच्चों को करा लाए जंगल सफारी
लाइफस्टाईल न्यूज डेस्क।। दार्जिलिंग अपने हरे-भरे चाय बागानों, आकर्षक कैफे, खूबसूरत मठों, टॉय ट्रेन की सवारी और बहुत कुछ के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह स्थान कंचनजंगा के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, जिसे दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी के रूप में जाना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस हिल स्टेशन में 1915 से बना कम प्रसिद्ध सेंसेल वन्यजीव अभयारण्य है, जिसे दार्जिलिंग हिमालय में सबसे पुराने अभयारण्य के रूप में जाना जाता है। आइये आपको बताते हैं इस जगह के बारे में कुछ रोचक तथ्य।
सेंचेल वन्यजीव अभयारण्य कहाँ है?
सेंचेल वन्यजीव अभयारण्य सिटोंग में स्थित है, जिसे दार्जिलिंग की ऑरेंज वैली के रूप में भी जाना जाता है। सीतोंग दार्जिलिंग का एक शांत गांव है, जो लेप्चा जनजातियों का घर है।
कितने वर्गो में फैला हुआ है
सीतोंग के एक कोने में, धुंध में डूबा हुआ, सेंसेल वन्यजीव अभयारण्य स्थित है। 39 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस जंगल में विशाल ओक, बर्च, कापुसी, धूपी और कवला के पेड़ हैं।
कितने जानवर देखे जा सकते हैं
अभयारण्य के अंदर प्राचीन सेंचेल झील भी स्थित है जो निश्चित रूप से आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। यह वन्यजीव अभयारण्य कई दुर्लभ हिमालयी प्रजातियों के जानवरों जैसे हिमालयी काले भालू, हिमालयी सियार, हिमालयी उड़न गिलहरी के लिए भी प्रसिद्ध है।
आप तेंदुए भी देख सकते हैं
जानवरों पर नज़र रखने वाले अपनी दूरबीनें तैयार रखते हैं, भारतीय तेंदुए और जंगली बिल्लियाँ भी यहाँ देखी जा सकती हैं।
यहां पक्षियों की भी कई प्रजातियां हैं
इतना ही नहीं, सुंदर मुद्रित चितकबरे हार्नबिल, ओरिएंटल चितकबरा हार्नबिल, काली पीठ वाले तीतर और सुनहरी पीठ वाले कठफोड़वा भी देखे जा सकते हैं।