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गर्भावस्था में कब्‍ज की समस्‍या को दूर करने के लिए अपनाये ये घरेलू नुस्खा 

 
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लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। हर महिला के लिए गर्भावस्था किसी चुनौती से कम नहीं होती है। क्योकि इस  को घर के काम के साथ साथ अपने शरीर का भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। गर्भावस्था के दूसरे महीने से गर्भावस्था के तीसरे महीने के आसपास, प्रोजेस्टेरोन का स्तर बढ़ने पर कब्ज की समस्या शुरू होती है। जैसे जैसे गर्भावस्था बढ़ती है आपका गर्भाशय भी बढ़ता है और ये समस्या बद से बदतर होती जाती है। कुछ महिलाओं में पूरे गर्भधारण के दौरान, जब प्रोजेस्टेरोन का स्तर शिखर पर होता है तब कब्ज की दिक्कत बनी रहती है। हालांकि अगर आप अपने खाने पीने और व्यायाम करने की आदतों को बदलती हैं, तो इन सब परेशानियों से आसानी से निपटा जा सकता है।

दरअसल प्रेगनेंसी के दौरान, महिलाओं के शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। यूट्रस (गर्भाशय) फ़ैल जाता है। इस दौरान, आँतों की मांशपेशियों को भी आराम की जरूरत होती है। मांशपेशियों के आराम के दौरान, आँतों में इकट्ठे अपशिष्ट पदार्थ वहीं पड़े रह जाते हैं। जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को कब्ज की शिकायत हो जाती है।

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यह सच है कि रेशेदार खाद्य पदार्थ कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है। खासतौर पर, साबुत अनाज ब्रेड, फलियां (मटर और सेम) ताजे फल और सब्जियाँ (कच्चा या हल्का पका हुआ) या सूखे फल के तौर पर। इसके अलावा, हरी सब्जियाँ भी फायदेमंद होती हैं। साथ ही किवी बहुत फायदेमंद होता है। गर्भवती महिलाएं सफेद खाद्य पदार्थों से दूर रहें क्योंकि, गर्भावस्था पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।

एक बार आपको कब्ज़ होने के बाद, अचानक से ऐसी चीजों या फाइबर का सेवन शुरू न कर दें, जो नियत मात्रा से अधिक हो। क्योंकि अति किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती। हर एक आहार के दौरान, थोड़ा-थोड़ा फाइबर लें। इसे अन्य पोषक तत्वों में शामिल करें। ज्यादा मात्रा में फाइबर लेने से गैस की समस्या हो सकती है। 

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